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यूपी के 29 जिलों में औद्योगिक गलियारे से विकास को रफ्तार, मेरठ को मिलेगी हब की भूमिका

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उत्तर प्रदेश में सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए छह एक्सप्रेसवे के किनारे 29 जिलों में 30 स्थानों पर औद्योगिक गलियारों का निर्माण कार्य शुरू किया है। इन गलियारों में मेरठ को एक प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की योजना है, जो ग्रीन फील्ड गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बसेगा।

मेरठ: बनेगा 500 हेक्टेयर का विशाल औद्योगिक हब

मेरठ में सरकार द्वारा बनाए जा रहे औद्योगिक गलियारे को 500 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। इस गलियारे के पहले चरण में 200 हेक्टेयर जमीन की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि दूसरे चरण के लिए 300 हेक्टेयर जमीन की पहचान भी की जा चुकी है। यूपीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने लखनऊ कार्यालय में प्रस्ताव भेज दिया है और जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

प्रथम चरण: 200 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में

मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे के पास औद्योगिक गलियारे का पहला चरण 200 हेक्टेयर में बन रहा है। इसके लिए 692 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही खर्च की जा चुकी है, जबकि 50 हेक्टेयर भूमि की खरीद शेष है। यूपीडा ने इसके लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की है। इस परियोजना में खरखौदा और बिजौली गांवों की जमीन शामिल है, जिसमें से 133 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है और 11 हेक्टेयर सरकारी भूमि का पुनर्ग्रहण किया जाएगा।

दूसरा चरण: 300 हेक्टेयर भूमि के लिए पूरी हुई खोज-

औद्योगिक गलियारे के दूसरे चरण के लिए 300 हेक्टेयर भूमि की तलाश पूरी हो चुकी है। इसमें गोविंदपुरी, खड़खड़ी और छतरी गांवों की 800 किसानों की जमीन शामिल है। भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार कर यूपीडा को भेज दिया गया है और जैसे ही इसे मंजूरी मिलती है, गजट का प्रकाशन किया जाएगा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। दूसरे चरण के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि की जरूरत होगी।

अन्य जिलों में भी हो रहा औद्योगिक विकास

प्रदेश के अन्य जिलों में भी औद्योगिक गलियारे बनाए जा रहे हैं, जो राज्य के समग्र औद्योगिक विकास को गति देंगे।

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: बांदा, जालौन, औरैया, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर।
  • गंगा एक्सप्रेसवे: मेरठ, हरदोई, संभल, उन्नाव, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़, हापुड़, प्रयागराज और रायबरेली।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: सुल्तानपुर, गाजीपुर, अंबेडकर नगर, बाराबंकी और अमेठी।
  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: अंबेडकर नगर।
  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे: इटावा।

मेरठ को मिलेगा औद्योगिक गलियारा बनने का सबसे बड़ा लाभ

मेरठ में बनने वाला औद्योगिक गलियारा प्रदेश में सबसे बड़ा होगा, जिससे न सिर्फ शहर को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा, बल्कि इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। गंगा एक्सप्रेसवे के नजदीक होने के कारण यह गलियारा देशभर से व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों के लिए सुगम होगा। सरकार इस परियोजना को प्राथमिकता के साथ तेजी से आगे बढ़ा रही है।

औद्योगिक विकास से रोजगार के नए अवसर-

यूपी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना न सिर्फ राज्य के आर्थिक विकास को गति देगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। औद्योगिक गलियारों के निर्माण से निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा, जिससे विभिन्न सेक्टरों में विकास होगा और राज्य की औद्योगिक क्षमता में वृद्धि होगी।

यूपी में औद्योगिक युग की नई शुरुआत-

औद्योगिक गलियारों का निर्माण उत्तर प्रदेश के औद्योगिक भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना राज्य के विभिन्न जिलों में आर्थिक प्रगति और समृद्धि को नया आयाम देगी, जिससे उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में से एक बन सकेगा।

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