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हर जिले में 500 स्टार्टअप! यूपी के गांव-कस्बों में दिखेगा ‘सिलिकॉन वैली’ जैसा नज़ारा?

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उत्तर प्रदेश सरकार अब युवाओं की उद्यमशीलता को पंख देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) की तर्ज पर सरकार ने अब “स्टार्टअप मिशन” की शुरुआत का ऐलान किया है, जिसके तहत हर जिले में कम से कम 500 स्टार्टअप्स को विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराना है, बल्कि हर जिले की पारंपरिक पहचान और औद्योगिक ताकत को ग्लोबल मंच पर ले जाना भी है।

पहले चरण में बनेंगे 35 हजार स्टार्टअप

इस महत्वाकांक्षी योजना के पहले चरण में करीब 35,000 स्टार्टअप्स तैयार किए जाएंगे, जो जिलों की भौगोलिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक विशेषताओं पर आधारित होंगे। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग इस योजना पर तेजी से काम कर रहा है। सरकार की मंशा है कि स्टार्टअप्स को जिलों की पहचान वाले उत्पादों या GI टैग प्राप्त वस्तुओं से जोड़ा जाए ताकि स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को भी इसका सीधा लाभ मिले।

अब छोटे शहर बनेंगे स्टार्टअप हब

योजना का सबसे अहम पहलू यह है कि स्टार्टअप्स की दुनिया अब केवल नोएडा या ग्रेटर नोएडा तक सीमित नहीं रहेगी। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर जैसे जिलों को भी आईटी और स्टार्टअप हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे छोटे शहरों और कस्बों में रह रहे युवाओं को बाहर जाकर नौकरी खोजने की बजाय अपने जिले में ही नई सोच और नवाचार पर आधारित रोजगार मिलेगा।

हर जिले में बनेगा इनक्यूबेटर सेंटर

प्रदेश में फिलहाल लगभग 15,000 स्टार्टअप पंजीकृत हैं, जबकि निजी स्रोतों के अनुसार यह संख्या 27,000 के करीब पहुंच चुकी है। स्टार्टअप्स को सफल बनाने के लिए सरकार ने हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेटर सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। इन केंद्रों में युवाओं को मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, संसाधन और वित्तीय मदद दी जाएगी।

खास फोकस: महिला, दिव्यांग और वंचित वर्ग

उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2020 (संशोधित 2022) के अंतर्गत महिलाओं, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप्स को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। सरकार की योजना है कि स्टार्टअप सेक्टर को नौकरशाही के बजाय डोमेन विशेषज्ञों की निगरानी में लाया जाए, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़े।

आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई राह

आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर जिले में कम से कम 500 स्टार्टअप तैयार करना है, जो न केवल स्थानीय पहचान को संरक्षित करें, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करें। स्टार्टअप मिशन यूपी के आर्थिक आत्मनिर्भरता अभियान में मील का पत्थर साबित होगा।” यह स्टार्टअप मिशन उत्तर प्रदेश को रोजगार प्रदाता राज्य बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह न सिर्फ तकनीकी और औद्योगिक विकास को गांव-गांव तक पहुंचाएगा, बल्कि राज्य को नवाचार और आत्मनिर्भरता के नए युग में भी प्रवेश कराएगा।

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