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उत्तर प्रदेश के उत्सव: भाग 3

यूपी में विभिन्न त्योहार, मेले और महोत्सवों का आयोजन वार्षिक रूप से होता है जो न केवल देश के बल्कि  विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है। यूपी में मेले और महोत्सवों का आयोजन मुख्यतः दो कारणों से होता है। पहला है: सांस्कृतिक विरासत और परंपरा, दूसरा प्रमुख कारण है: पर्यटन विकास। आज के इस लेख में यूपी के कुछ महत्वपूर्ण मेले के बारे में समझेंगे।

देवा शरीफ मेला
इसमें सबसे पहला नाम आता है देवा शरीफ मेले का। यह मेला हर साल अक्टूबर नवंबर के महीने में दस दिनों के लिए बाराबंकी जिले के देवा कस्बे में सूफी संत हाजी वारिस अली की दरगाह पर लगता है । इस मेले में एक बड़ा पशु बाजार भी लगता है और यह मेला गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनो समुदाय के लोग भाग लेते हैं ।

नौचंदी मेला
इसी कड़ी में एक और नाम आता है-नौचंदी मेले का। नौचंदी मेला मेरठ जिले में स्थित नौचंदी देवी मंदिर के पास लगता है और हर साल यह मेला होली के बाद दूसरे रविवार से प्रारंभ होता है । इस मेले में भी पशु मेले का आयोजन किया जाता है। 

खिचड़ी मेला 
इसी कड़ी में एक और नाम आता है -खिचड़ी मेला। मकर संक्रांति के दौरान गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में यह मेला आयोजित किया जाता है।

सरधना क्रिश्चियन मेला
इसी कड़ी में मेरठ में एक और मेले का आयोजन किया जाता है जिसका नाम है सरधना महोत्सव। इसे सरधना क्रिश्चियन मेला भी कहते हैं। इसका आयोजन सरधना के बेसिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ ग्रेस नामक चर्च में किया जाता है। यह मेला मदर मरियम के सम्मान में नवंबर के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है। इस मेले में बड़ी संख्या में ईसाई श्रद्धालु आते हैं ।

 

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