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ये हैं देवभूमि की 5 जादुई जगहें... जो विदेशी हिल स्टेशनों को भी दे रही हैं टक्कर!

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अगर आप स्विट्ज़रलैंड जाने का सपना देख रहे हैं लेकिन बजट और समय इसकी इजाजत नहीं दे रहे -तो भारत में ही स्वर्ग जैसा अनुभव मिल सकता है। उत्तराखंड की पांच ऐसी बेमिसाल जगहें हैं जो प्राकृतिक सुंदरता, सुकून और एडवेंचर के मामले में किसी भी विदेशी हिल स्टेशन को पीछे छोड़ देती हैं।

1. खलिया टॉप: पिथौरागढ़ की छिपी हुई जन्नत

मसूरी और नैनीताल की भीड़ से हटकर अगर आप शुद्ध और शांत अनुभव चाहते हैं, तो खलिया टॉप आपके लिए परफेक्ट है। पंचाचूली, नंदा देवी और नंदा कोट की हिमाच्छादित चोटियों का नज़ारा यहां से साफ दिखता है। पास में स्थित बिर्थी वॉटरफॉल्स इस ट्रिप को और यादगार बना देते हैं।

2. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: जंगल सफारी का रोमांच

हिमालय की तलहटी में बसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना 1930 में हुई थी। यहां 580 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां और 50 प्रकार के पेड़ मौजूद हैं। रॉयल बंगाल टाइगर का घर माना जाने वाला ये पार्क वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।

3. केदारकांठा: शुरुआती ट्रेकर्स के लिए परफेक्ट ट्रेल

सांकरी गांव से शुरू होने वाली केदारकांठा ट्रेकिंग ट्रेल खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो पहली बार ट्रेक करना चाहते हैं। बर्फ से ढकी पाइन की जंगलों में ट्रेक करना और टॉप से देखने वाला सूर्योदय या सूर्यास्त — ये नजारे जीवन भर के लिए यादगार बन जाते हैं।

4. रानीखेत: रानी का मैदान, दिलों का सुकून

‘रानी का मैदान’ के नाम से प्रसिद्ध रानीखेत देवदार और बलूत के घने जंगलों से घिरा है। शहर के शोरगुल से दूर सुकून तलाशने वालों के लिए यह बेस्ट डेस्टिनेशन है। साथ ही, यह बजट ट्रैवलर्स के लिए भी एक शानदार विकल्प है।

5. औली: भारत का स्कीइंग पैराडाइज़

चमोली जिले में स्थित औली भारत के प्रमुख स्कीइंग डेस्टिनेशनों में से एक है। सर्दियों में यहां की वादियां बर्फ से ढक जाती हैं, जबकि गर्मियों में हरी-भरी घाटियां रोमांचकारी अनुभव देती हैं। यहां से दिखाई देने वाली नंदा देवी और हिमालय की श्रृंखलाएं मन मोह लेती हैं।

डिजिटल इंडिया में लोकल ट्रैवल को बढ़ावा

पर्यटन विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तराखंड जैसे राज्यों में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना "वोकल फॉर लोकल" की भावना को भी मजबूती देता है। इन स्थानों पर सुविधाओं का विस्तार होने के साथ, उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा देखा गया है। तो अगली बार जब आप छुट्टियों की योजना बनाएं, तो पासपोर्ट की नहीं, सिर्फ एक बैग की जरूरत होगी — क्योंकि भारत के अंदर ही आपको मिल सकता है स्विट्ज़रलैंड से भी ज्यादा खूबसूरत अनुभव।

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