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6 मई 2025 को बलूचिस्तान की सरजमीं एक बार फिर धमाकों से कांप उठी। पाकिस्तानी सेना के एक काफिले पर रिमोट कंट्रोल IED से हमला किया गया, जिसमें 12 जवान मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली। यही नहीं, बीते 4 दिनों में BLA ने दर्जनों बार पाकिस्तानी सेना पर हमले किए, कुछ इलाकों पर कब्जा जमाकर 'आजाद बलूचिस्तान' का झंडा भी फहरा दिया।
पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक
6 मई की देर रात भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इससे पाकिस्तान की सेना दो मोर्चों पर फंस गई—एक ओर भारत की जवाबी कार्रवाई, दूसरी ओर BLA के हमले। इस मौके का फायदा उठाकर BLA ने पाकिस्तानी सेना पर हमलों की झड़ी लगा दी।
बलूचिस्तान में क्या हो रहा है?
9 मई को बलूच विद्रोहियों ने क्वेटा के फैजाबाद इलाके में सेना पर हमला किया। इसके पहले 8 मई को केच, मस्तंग और काची में BLA ने 6 हमले किए। रिपोर्ट्स के मुताबिक क्वेटा में लगातार विस्फोट और गोलीबारी जारी है। सोशल मीडिया पर बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने लिखा—"पाकिस्तानी झंडे उतारे जा रहे हैं, बलूच झंडे लहरा रहे हैं। अब वक्त है कि दुनिया बलूचिस्तान को मान्यता दे।" पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी भी मानते हैं कि बलूचिस्तान में सरकार और सेना का नियंत्रण कमजोर हो गया है।
क्यों चाहिए बलूचों को आजादी?
बलूचों की आजादी की मांग कोई नई नहीं है। आजादी से पहले बलूचिस्तान कलात रियासत के अधीन था और 12 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र देश बना। हालांकि, पाकिस्तान ने 26 मार्च 1948 को बलपूर्वक बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया। तब से लेकर आज तक बलूचों का पाकिस्तान के प्रति असंतोष जारी है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है जो देश के 44% हिस्से को घेरता है, लेकिन यहां देश की कुल आबादी का सिर्फ 6% हिस्सा रहता है। संसाधनों से भरपूर इस इलाके को पाकिस्तान शोषण का केंद्र बना चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 15 सालों में 5,000 से ज्यादा बलूच लोगों को पाक सेना ने 'लापता' कर दिया है।
क्या पहले भी हुए हैं विद्रोह?
1948 से अब तक बलूचों ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े विद्रोह किए हैं। वर्तमान में चल रहा विद्रोह 2005 में शुरू हुआ था, जब पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने महिला डॉक्टर शाजिया खालिद का बलात्कार किया। इस घटना ने पूरे बलूचिस्तान को हिला दिया। जवाब में बलूच नेता नवाब अकबर बुगती ने विद्रोह का बिगुल फूंका, जिसकी परिणति उनके मारे जाने तक हुई।
कौन है बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA)?
BLA बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाला संगठन है। यह संगठन गुरिल्ला युद्ध और आत्मघाती हमलों के लिए कुख्यात है। इसके दो प्रमुख स्क्वॉड हैं:
मजीद ब्रिगेड – आत्मघाती हमलों के लिए समर्पित यूनिट
फतेह स्क्वॉड – सटीक और अचानक हमले करने वाली टीम
BLA ने कई बार CPEC जैसे चीनी प्रोजेक्ट्स और पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया है। हाल ही में हुए हमलों में भी इसका नाम सामने आया है।
क्या भारत का BLA से कोई संबंध है?
पाकिस्तान लंबे समय से भारत पर BLA को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है। कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी को वह इसी संदर्भ में दिखाता है। हालांकि, भारत ने हमेशा इस बात से इनकार किया है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बलूचिस्तान मुद्दे पर खुलकर बात की थी।
क्या पाकिस्तान फिर टूट सकता है?
पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का कहना है कि महज 1500 लोग बलूचिस्तान की शांति को प्रभावित नहीं कर सकते। लेकिन जमीनी हालात कुछ और बयां कर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बलूचिस्तान की स्थिति अब 1971 के पूर्वी पाकिस्तान जैसी बनती जा रही है। ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ता पीटर टैचेल का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की आजादी को केवल टाल सकता है, रोक नहीं सकता। बलूच लेखक मीर यार बलूच इसे आजादी से "सिर्फ दो कदम दूर" मानते हैं।
क्या बिखर रहा है पाकिस्तान?
बलूचिस्तान में चल रहा विद्रोह केवल एक प्रांत की नाराजगी नहीं, बल्कि पाकिस्तान की नीतियों की विफलता का प्रतीक है। यदि बलूच आंदोलन इसी तरह बढ़ता रहा और पाकिस्तानी सेना इससे निपटने में नाकाम रही, तो 1971 की तरह पाकिस्तान का नक्शा फिर बदल सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 10 May, 2025, 1:03 pm
Author Info : Baten UP Ki