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सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों की बढ़ी चिंता, कहा पता नहीं कब निकलेंगे...

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उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा की सुरंग फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है। बचाव दल लगातार सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुँचने का प्रयास कर रहा है। फंसे मजदूरों में झारखंड के खीरबेड़ा गांव के भी कुछ मजदूर शामिल हैं। इनके परिवार के लोग बचाव में देरी को लेकर चिंतित हैं। बचाव दल ने बताया कि ड्रिलिंग मशीन के ब्लेड मलबे में फंस गए थे, जिस कारण उन्हें अन्य विकल्प पर विचार करना पड़ा। अब बचाव दल सुरंग में रास्ता बनाने के लिए मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग कर रहा है।कयास लगाया जा रहा है कि 41 मजदूरों को बाहर निकालने में अभी भी कुछ दिन लग सकते हैं। बचाव दल ने आश्वासन दिया है कि वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं और जल्द से जल्द सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने का प्रयास करेंगे।

सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों की बढ़ी चिंता-

उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में  फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए जारी बचाव अभियान में देरी के कारण उनके परिजनों में चिंता बढ़ती जा रही है। खैरबेड़ा गांव के रहने वाले राजेंद्र के पिता श्रवण ने बताया कि उन्हें जब बचाव अभियान में देरी की बात पता चली तो वह काफी हताश हो गए। श्रवण के पिता लकवाग्रस्त हैं और राजेंद्र की मां भी कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। राजेंद्र के अलावा उनके गांव के अन्य मजदूर भी सुरंग में फंसे हुए हैं।

सुखराम के मां ने बताया कि उन्हें जब अपने बेटे के फंसे होने की खबर मिली तो वह बहुत दुखी हो गईं। वह लगातार अपने बेटे की सलामती के लिए प्रार्थना कर रही हैं।अनिल की मां भी घटना की सूचना के बाद से बीमार हैं। वह अपने बेटे को जल्द से जल्द बाहर निकालने की उम्मीद कर रही हैं।

बचाव दल के अधिकारियों ने कही ये बात-

बचाव दल के अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है। सुरंग में मलबे की मोटी परत है, जिसे हटाने में समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। आपको बता दें घटना में बचाव कार्य 12 नवंबर से शुरु हुआ। यह निर्माणाधीन सुरंग चारधाम मार्ग का एक हिस्सा है लेकिन भूस्खलन के बाद इसका एक हिस्सा ढह गया। जिसके कारण मौजूद मजदूर भीतर ही फंस गए।

 

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