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उत्तर प्रदेश बनेगा हरित ऊर्जा का हब

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उत्तर प्रदेश अगले 5 सालों में हरित ऊर्जा का हब बनेगा। यहां गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों की तरह हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा। इस क्षेत्र में निवेश के लिए करीब 447310 करोड़ रुपये का MoU हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश को  सौर ऊर्जा नीति 2022 के क्रियान्वयन के लिए 317 करोड रुपए बजट में मिले हैं। 

रूफटॉप योजना के तहत 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन-

प्रदेश में सोलर रूफटॉप योजना के तहत 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में सोलर पैनल लगाने पर प्रति किलो वाट 55 से 60 हजार रुपये का खर्च आता है और  45000 की सब्सिडी मिलती है। इसी तरह सोलर पावर प्लांट के तहत मिर्जापुर के अलावा बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों में करीब 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसे 5 साल में बढ़ाकर 14000 मेगावाट किया जाना है। मिर्जापुर प्रयागराज सहित अन्य जिलों में अल्ट्रा मेगा प्लांट लगाए जा रहे हैं।  रिहंद के अलावा महोबा, हमीरपुर, झांसी के पास सोलर पावर पार्क विकसित किए जाएंगे। पीएम कुसुम योजना के तहत निजी ऑनग्रिड का सोलराइजेशन किया जा रहा है। 

 दो चरणों में बनेगा हरित ऊर्जा कॉरिडोर-

प्रदेश में 2 चरणों में हरित ऊर्जा कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं। पहले चरण में वर्ष 2024-25 तक ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं 27 सब स्टेशन बनकर तैयार हो जाएंगे। अल्ट्रा मेगा और पार्कों में पैदा होने वाली सौर ऊर्जा इनके माध्यम से सीधे ग्रिड से जुड़ेगी। दूसरे चरण में राष्ट्रीय कॉरिडोर के साथ राष्ट्रीय ग्रिड को 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी। इस परियोजना को केंद्रीय वित्तीय सहायता से चलाया जाएगा। राज्य सरकार ने बजट में ट्रांस्मिशन कार्य के लिए 1554 करोड़ का प्रावधान किया है। 

फायदेमंद होगी जैव ऊर्जा नीति -

उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, नगर पालिका के ठोस अपशिष्ट, आदि से कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल और बायोडीजल बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए 45 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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