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उत्तरप्रदेश के त्यौहार: भाग 1

उत्तरप्रदेश जो लोक कलाओं के क्षेत्र में इतना आगे है। आज हम इसी उत्तरप्रदेश के प्रमुख त्योहारों और उत्सवों पर चर्चा करेंगे। आप उत्तरप्रदेश में होने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे होली दिवाली के बारे में तो जानते ही होंगे पर आज हम इससे अलग कुछ अनसुने या कम प्रचलित त्योहारों पर चर्चा करेंगे । ये त्योहार उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।

गंगा दशहरा
इनमे सबसे पहला नाम आता है गंगा दशहरा का। गंगा दशहरा गंगा के धरती पर अवतरित होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है । इस त्योहार को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है । इस दिन लोग भारी संख्या में गंगा के घाटों पर पहुंचकर पवित्र गंगा में डुबकी लगाते हैं और गंगा आरती करते हैं । हरिद्वार से लेकर वाराणसी के घाटों तक इस दिन भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है । उत्तरप्रदेश में गंगा दशहरा बहुत प्रसिद्ध त्योहार के रूप में मनाया जाता है। भक्त गंगा जल को अपने घर ले जाते हैं और उसे पवित्र मान्यताओं के अनुसार उपयोग करते हैं। गंगा दशहरा के दिन मान्यता है कि गंगा देवी का जन्म हुआ था और उसी दिन मानव जाति के लिए उनकी महिमा का प्रकट होने की आवश्यकता थी।

देव दीपावली
इसी कड़ी में अगला नाम आता है देव दीपावली का। देव दीपावली को मनाने के पीछे एक पौराणिक कहानी प्रसिद्ध है कि इसी दिन भगवान शिव ने दैत्य त्रिपुराशुर के ऊपर विजय प्राप्त की थी और मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवता बनारस में गंगा स्नान के लिए आते हैं और उत्सव के तौर पर लोगों के द्वारा वाराणसी के घाटों पर लाखों दिए जलाए जाते हैं ।

माघ मेला 
इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ जाता है माघ मेले का। यह मेला कुंभ मेले के समान होता है और इसे प्रत्येक वर्ष प्रयागराज में गंगा यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित किया जाता है। यह मेला पूरे माघ माह के दौरान चलता रहता है और यहां श्रद्धालु कल्पवास करते हैं ।

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