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यूपी के लोक नृत्य - भाग 3

अवध, उत्तर भारत का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह वर्तमान में उत्तर प्रदेश स्थित है। इस क्षेत्र में वर्तमान के लखनऊ, फैजाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, मिर्जापुर जिले के कुछ हिस्से, प्रतापगढ़ और जौनपुर जैसे कई जिले शामिल हैं। इस अवध की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और यह अपने विशिष्ट संगीत, कविता और नृत्य रूपों के लिए जाना जाता है। अवध संगीत और नृत्य के अपने शास्त्रीय रूपों के लिए अधिक प्रसिद्ध है, इस क्षेत्र से जुड़े कुछ लोक नृत्य के बारे में आज हम जानेंगे।

जोगिनी 
जोगिनी नृत्य आमतौर पर पुरुष नर्तकों के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। पुरुष इस नृत्य में महिलाओं के भेष धारण कर लेते हैं। इस नृत्य को रामनवमी की संध्या पर किया जाता है।

कलाबाजी
कलाबाजी में नर्तक एक नकली घोड़े पर बैठकर नृत्य करता है। इस नकली घोड़े को कच्छी कहते हैं । कच्छी पर बैठकर नर्तक मोरबाजा नामक एक वाद्ययंत्र भी बजाता रहता है।

ठेठिया या ढेढ़िया
ऐसा माना जाता है की जब भगवान राम 14 बरस का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो यह नृत्य किया गया था। इस नृत्य के दौरान नर्तक अपने सिर पर दीपकों से भरा हुआ एक छिद्रदार मिट्टी का बर्तन रखते हैं और इस बर्तन को ही ढेढिया कहा जाता है।

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