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भगवान के पसंदीदा पौधों के लिए योगी सरकार ने मांगी सुप्रीम कोर्ट से इजाजत

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और धार्मिक स्थलों को सजाने-संवारने के लिए कई योजनाए चला रही है। इसी के चलते भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान मथुरा के पुराने गौरव का एहसास कराने के लिए व्यापक योजना पर काम कर रही है। यूपी सरकार वन पुनर्जन्म के तहत भगवान श्रीकृष्ण के पसंदीदा उन पौधों को बड़े पैमाने पर लगाएगी जिन्हे भगवान श्रीकृष्ण अधिक पसंद करते थे। इन वनों को यूपी सरकार ने प्राचीन वन क्षेत्र पुनर्जन्म योजना का नाम दिया है। यूपी सरकार द्वारा प्रमुख धार्मिक स्थलों को उनके पुराने गौरव के तहत सजाने संवारने की योजना के जरिए कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प भी किया गया है। ऐसे में अब मथुरा को लेकर यूपी सरकार ने कहा है कि सरकार इस क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण के पसंद वाले कदम्ब जैसे पेड़ लगाना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है।

सरकार को क्यों मांगनी पड़ी SC से इजाजत-

सरकार बृजभूमि परिक्रमा क्षेत्र को उस तरह से सजाना चाहती है जैसा धार्मिक ग्रंथों में वर्णन किया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है। आपको बता दें कि मथुरा के आसपास के इलाके ताज ट्रिपोजियम जोन यानी TTZ के तहत आतें हैं। इसलिए इन इलाकों में अगर कोई निर्माण करना हो या फिर पेड़े पौधे लगाने हों तो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की पर्यावरण बेंच से इजाजत लेनी होती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी सरकार की इस परियोजना पर न्यायमित्र ADN राव ( एमिकसक्यूरी) से बेंच को  सलाह देने को कहा है।

यूपी सरकार ने अपनी अर्जी मे क्या कहा-

यूपी सरकार का कहना है कि वो देश की धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने के क्रम में मथुरा को भी उसकी पुरानी धार्मिक और सांस्कृतिक महिमा को पुनर्जीवित करना चाहती है। इसलिए वो भगवान श्रीकृष्ण के समय में मौजूद प्रजाति के पौधों को लगाकर एक पर्यावरण पुनर्स्थापना का अभियान चलाना चाहती है। इनमें हमारे देश के वो परम्परागत पौधे होंगे जो अब विलुप्त होते जा रहे हैं। इसके तहत भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय वृक्ष कदम्ब के अलावा बरगद, पीलू, पाकड़ तमाल अर्जुन पलाश, बेहड़ा, पीपल जैसे वृक्ष होंगे। साथ ही यूपी सरकार ने इन इलाकों से विदेशी प्रजाति के पौधों को हटान की भी इजाजत मांगी है। 

 

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