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यूपी कैबिनेट का फैसला, अब निजी सेक्टर को 90 साल के पट्टे पर दी जाएगी जमीन

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उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने पर्यटन विकास के लिए निजी सेक्टर को 90 साल के पट्टे पर ज़मीन देने का फ़ैसला किया है। यह फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लिया गया है। जिसके तहत जमीन को 30-30 साल के तीन चरणों में अधिकतम 90 साल की अवधि के लिए पट्टे के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, इससे पहले भी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2023 में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक इमारतों को 99 साल के लिए निजी पार्टियों को लीज़ पर देने का फ़ैसला लिया गया था। साथ ही इन इमारतों के संरक्षण और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी भी निजी पार्टियों को ही सौंपी गई थी। 

भूमि लीज नीति-2024 को मिली मंजूरी

आपको बता दें कि यूपी कैबिनेट बैठक में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए भूमि लीज नीति-2024 को मंजूरी दी गई। इसके तहत पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित सरकारी लैंड बैंक के भू-भाग को बिना किसी बाधा के पट्टे पर देने की सुविधा प्रदान की जाएगी। वहीं प्रस्तावित नीति के माध्यम से उन निवेशकों को भूमि के सरल तरीके से आवंटन की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिनके पास पूंजी निवेश के लिए परिपक्व प्रस्ताव तैयार है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने में भी प्रोत्साहन मिलेगा। स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।  

पर्यटन नीति-2022 का उद्देश्य राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है
  
वहीं प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि पर्यटन नीति-2022 का उद्देश्य पर्यटन में वृद्धि एवं पर्यटक सुविधाएं विकसित किए जाने के लिए राज्य में पर्यटन उद्योग को देश के सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करना है। विभाग द्वारा पर्यटन संबंधी आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए सरकार द्वारा सीधे या सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए मजबूत भूमि बैंक बनाया गया है।

बेकार पड़े भवन पर्यटन विभाग को मिलेंगे

कैबिनेट ने जल शक्ति मंत्रालय के अधीन प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर निरीक्षण भवन, डाक बंगले आदि, जो कि सुरम्य स्थलों पर स्थित हैं, उनको पर्यटन विभाग को देने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसके तहत चार निष्प्रयोज्य भवनों सोनभद्र स्थित विसुंदरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन और लखीमपुर खीरी के ग्राम पन्यौरा की ओयल नहर कोठी को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

कृषकों की आय में भी होगी बढ़ोतरी

जलशक्ति मंत्रालय के अधीन विभागों के अधिकतर भवन नदियों, झीलों, बैराजों, बांधों व नहरों के किनारे स्थित हैं। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता अतुलनीय है। कई भवन ऐतिहासिक व धरोहर की श्रेणी में आने के पात्र हैं। इनका इस्तेमाल वर्तमान में पिकनिक स्थलों के लिए हो रहा है। इनका ईको पयर्टन के रूप में भी महत्व है। इन भवनों को पर्यटन विभाग को देने के लिए मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, केरल की पर्यटन नीतियों का अध्ययन किया गया है। इन भवनों को पर्यटन विभाग को देकर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। स्थानीय कृषकों की आय में बढ़ोतरी भी होगी।

 

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