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चाँद का तापमान धरती से मिलता-जुलता भी नहीं है, ग्राफ में सामने आया भारी अंतर

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इसरो ने 27 अगस्त को चंद्रमा की सतह से जुड़ी तापमान भिन्नता का एक ग्राफ जारी किया। जिसके लिए अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंद्रमा पर अब तक दर्ज किए गए उच्चतम तापमान पर आश्चर्य व्यक्त किया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा साझी की जानकारी के मुताबिक चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) के कलेक्टेड डाटा ऑब्जरवेशन बता रहे हैं कि चंद्रमा की सतह और इसकी गहराई के तापमान में काफी अंतर है। 

ट्विटर यानी X पर साझा की गयी जानकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम पर लगे पेलोड चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (चेस्ट) ने चंद्र सतह के तापमान का प्रोफाइल ग्राफ भेज दिया है। यह इसका पहला ऑब्जरवेशन हैं। इसरो ने कहा कि ChaSTE चंद्र सतह के थर्मल व्यवहार को समझने के लिए ध्रुव के चारों ओर चंद्र की ऊपरी मिट्टी के तापमान की प्रोफ़ाइल को मापता है। इस पेलोड में लगे टूल में तापमान मापने के लिए 10 सेंसर हैं। यह टूल कंट्रोल एंट्री सिस्टम की मदद से सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। इस तरह से भेजे गए ग्राफ में अलग-अलग गहराइयों पर अलग-अलग तापमान दर्ज किए गए गए हैं।  जिसके मुताबिक गहराई से सतह की ओर बढ़ने के साथ तापमान बढ़ता है। सतह के ऊपर सामान्यतया 50-60 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान है, जबकि दक्षिण ध्रुव का अधिकतम तापमान 70 डिग्री सेंटीग्रेड है।

जिसके चलते चंद्रमा पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर विज्ञानी हैरान है। इसरो के विज्ञानी बीएचएम दारुकेशा ने कहा कि हम सब को लगता था कि चाँद की सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है। जहां पृथ्वी पर दो से तीन सेंटीमीटर गहराई में हमें तापमान में मुश्किल से दो से तीन डिग्री सेंटीग्रेड का अंतर दिखता है, वहीं चंद्रमा पर यह अंतर लगभग 50 डिग्री सेंटीग्रेड है। जिसके चलते यह काफी इंट्रेस्टिंग पॉइंट सामने आया है। 

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