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अस्थमा एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) श्वसन रोग है, जिससे दुनियाभर में करोड़ों लोग प्रभावित हैं। हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इससे जूझ रहे लोगों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके। इस साल यह दिवस 6 मई 2025 को मनाया जा रहा है।
दुनियाभर में 235 मिलियन अस्थमा मरीज
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में करीब 235 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से वायु मार्गों (एयरवे) में सूजन और संकुचन के कारण होती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। खासकर गर्मियों के मौसम में अस्थमा के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इस समय उनके लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं।
गर्मियों में अस्थमा की समस्या क्यों बढ़ जाती है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्मियों में अस्थमा के लक्षणों के बढ़ने के कई वैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारण हो सकते हैं:
1. वायु प्रदूषण और हीटवेव
गर्मियों में तेज धूप और हीटवेव के कारण ग्राउंड-लेवल ओजोन और पार्टिकुलेट मैटर का स्तर बढ़ जाता है। ये दोनों ही अस्थमा को ट्रिगर करने वाले प्रमुख कारक हैं। ग्राउंड-लेवल ओजोन एक शक्तिशाली श्वसन उत्तेजक (respiratory irritant) है, जो वायु मार्गों में सूजन पैदा करता है और सांस लेने में दिक्कत बढ़ाता है। साथ ही गर्मियों में हवा की गति कम होने से प्रदूषक वातावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं।
2. अत्यधिक नमी (ह्यूमिडिटी)
गर्मियों में बढ़ी हुई ह्यूमिडिटी भी अस्थमा को बढ़ा सकती है। ज्यादा नमी के कारण शरीर से पसीना निकलता है और डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे कफ गाढ़ा हो जाता है और सांस लेने में परेशानी होती है। इससे अस्थमा के लक्षण और अधिक गंभीर हो सकते हैं।
3. एयर कंडीशनिंग का प्रभाव
गर्मी से बचने के लिए लोग एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इससे घर के अंदर मौजूद धूल, पराग और अन्य कण हवा में उड़ने लगते हैं। ये कण अस्थमा रोगियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। साथ ही, एयर कंडीशनर की ठंडी हवा और बाहर की गर्मी के बीच अचानक तापमान का बदलाव भी सांस की नलियों पर असर डाल सकता है।
4. रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दबाव
गर्मियों की तेज गर्मी शरीर के श्वसन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालती है। इससे रेस्पिरेटरी मसल्स थकान महसूस करने लगते हैं और ब्रोंकोकन्सट्रिक्शन (श्वसन मार्ग का संकुचन) की समस्या बढ़ जाती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है।
क्या करें अस्थमा के मरीज?
गर्मियों में अधिक धूप में बाहर जाने से बचें
घर में हवा की गुणवत्ता को बनाए रखें
पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें
अपने इनहेलर और दवाइयों को हमेशा साथ रखें
डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित जांच करवाएं
गर्मियों में अस्थमा से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां
गर्मियों के मौसम में अस्थमा के रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। बदलते मौसम, वायु प्रदूषण और आदतों में बदलाव से इस बीमारी के लक्षण तीव्र हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी और समय पर इलाज ही इस बीमारी से राहत का सबसे बेहतर तरीका है।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 May, 2025, 1:07 pm
Author Info : Baten UP Ki