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अक्सर बढ़ा रहता है इस बीमारी का खतरा, ध्यान न दिया तो कट सकता है पैर...

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ब्लड शुगर का लगातार बढ़ा रहना सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए एक खामोश खतरा है। यह टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने के साथ-साथ आंखों की रोशनी, किडनी की कार्यक्षमता, दिल की सेहत और पाचन तंत्र पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि गंभीर मामलों में यह "डायबिटिक फुट" जैसी जटिल और जानलेवा समस्या का कारण बन सकता है। डायबिटिक फुट न केवल आपकी गतिशीलता को बाधित कर सकता है, बल्कि समय पर इलाज न मिलने पर यह जीवन को भी खतरे में डाल सकता है। आइए, इस समस्या को गहराई से समझें और इससे बचाव के उपायों पर नजर डालें।

ब्लड शुगर का सामान्य स्तर और खतरे की घंटी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर होना चाहिए। भोजन के बाद यह 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर शुगर का स्तर लगातार अधिक रहता है, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी और डायबिटिक फुट जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसलिए, नियमित रूप से शुगर की जांच और डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।

ब्लड शुगर बढ़ने के गंभीर नुकसान

  • डायबिटीज का असर सिर्फ आंखों या किडनी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके पैरों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
  • डायबिटिक फुट एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैर की नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है।
  • इससे पैरों में झुनझुनी, सुन्नता और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है।
  • गंभीर मामलों में, पैर के अल्सर और सड़न के कारण पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।

क्या है डायबिटिक फुट?

डायबिटिक फुट एक गंभीर स्थिति है, जिसमें पैर की नसों और कोशिकाओं को नुकसान होने लगता है।

  • एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के अनुसार डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण पैर सुन्न होने लगते हैं।
  • रक्त प्रवाह बाधित होने से कोशिकाएं मृत हो जाती हैं, जिससे पैर पर काले धब्बे उभरने लगते हैं।
  • समय पर इलाज न होने पर ये धब्बे अल्सर में बदल जाते हैं।

डायबिटिक फुट के लक्षण पहचानें

  • अगर आपको निम्न लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
  • पैरों में काले दाग या फफोले
  • असामान्य सूजन, जलन या लालिमा
  • नीले निशान और दुर्गंध
  • तलवों पर घाव या सड़न

डायबिटिक फुट कैसे जानलेवा हो सकता है?

  • डायबिटिक फुट का समय पर इलाज न करने पर यह स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है।
  • घाव और सड़न पूरे पैर में फैल सकते हैं।
  • कई मामलों में प्रभावित हिस्से की सर्जरी कर उसे काटना पड़ता है ताकि संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों तक न पहुंचे।
  • समय रहते इलाज न मिलने पर यह समस्या जानलेवा भी हो सकती है।

डायबिटिक फुट से बचने के लिए जरूरी देखभाल

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, पैरों की सही देखभाल डायबिटिक फुट से बचाव में मददगार हो सकती है।

  1. साफ-सफाई: पैरों को रोजाना गुनगुने पानी और साबुन से धोकर अच्छी तरह सुखाएं।
  2. मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल: पैरों की त्वचा को मॉइस्चराइज करें, खासतौर पर पंजों के बीच।
  3. सही जूते पहनें: हमेशा सही आकार के आरामदायक जूते पहनें।
  4. चोट से बचाव: नंगे पैर न चलें और पैरों को चोट या कटने से बचाएं।
  5. नियमित जांच: ब्लड शुगर का स्तर नियमित रूप से जांचें।

न करें डायबिटिक फुट के संकेतों को नजरअंदाज-

डायबिटिक फुट जैसी गंभीर समस्याएं आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ती हैं।

  • समय रहते इलाज और देखभाल से न केवल इस समस्या से बचा जा सकता है, बल्कि गंभीर परिणामों से भी बचाव संभव है।
  • अगर आपको पैर में कोई असामान्य लक्षण नजर आएं, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर-

डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ अपने पैरों की नियमित देखभाल करनी चाहिए। थोड़ी सी सावधानी न केवल आपको डायबिटिक फुट से बचा सकती है, बल्कि आपकी सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है।

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