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टीबी से जंग में भारत ने रचा इतिहास, WHO ने किया वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान

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ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक ऐसा स्वास्थ्य संकट है, जिसने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली है। विश्व में यह 13वां सबसे घातक रोग माना जाता है। 2021 में ही, टीबी से 16 लाख लोगों की मौत हुई थी। भारत भी इस संकट का शिकार रहा है और इसे मिटाने के लिए देश ने 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में भारत ने अपनी मेहनत और समर्पण से WHO की प्रशंसा अर्जित की है।

टीबी संक्रमण का कारण और प्रसार-

टीबी का प्रमुख कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया है, जो वायुजनित ड्रॉपलेट्स से फैलता है। जब टीबी के रोगी खांसते या छींकते हैं, तो संक्रमित बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

टीबी के लक्षणों की बदलती पहचान-

टीबी के रोगाणु फेफड़ों में जाकर संक्रमण करते हैं। प्रारंभिक चरण में अधिकतर मरीजों में लक्षण नहीं दिखते, लेकिन समय के साथ हल्का बुखार, थकान, और खांसी जैसी समस्याएं उभर सकती हैं। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, खांसी के साथ बलगम आना, सांस लेने में तकलीफ, दर्द, और रात को पसीना आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालिया शोध के अनुसार, अब टीबी का मुख्य लक्षण यानी खांसी, हर मरीज में नहीं देखा जा रहा है, जिससे रोग की पहचान करना कठिन हो सकता है।

भारत में टीबी मामलों में ऐतिहासिक गिरावट-

भारत में टीबी के मामलों में 2015 से लेकर अब तक शानदार गिरावट देखने को मिली है। 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 मामले थे, जो 2023 तक घटकर 195 रह गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह प्रगति अभूतपूर्व है और अन्य देशों को भारत से प्रेरणा लेनी चाहिए।

WHO ने भारत को बताया वैश्विक हीरो-

टीबी के खिलाफ भारत की उपलब्धि पर WHO ने भारत की सराहना करते हुए इसे वैश्विक हीरो का दर्जा दिया है। भारत के प्रयासों को अन्य देशों के लिए मिसाल बताते हुए WHO ने कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत की उपलब्धि प्रशंसनीय है और इससे विश्व को सीख लेनी चाहिए।

भारत की टीबी मुक्त भविष्य की ओर यात्रा-

भारत ने टीबी को जड़ से मिटाने के लिए अपनी योजनाओं में कई बड़े कदम उठाए हैं। टीबी के मरीजों के इलाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियानों के जरिये हर स्तर पर कार्य किया गया है। भारत का यह संकल्प और WHO की सराहना आने वाले समय में देश को टीबी मुक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

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