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यूपी में सहकारी समितियां किसानों से कराएंगी व्यावसायिक खेती, लखनऊ से शुरू होगा प्रोजेक्ट

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उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है, अब वो व्यावसायिक खेती कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश की बहुउद्देशीय कृषि सहकारी समितियां यानि (बीपैक्स) किसानों से व्यावसायिक व औद्यानिक कृषि एवं कारोबार का काम भी कराएंगी। इससे समितियों से जुड़कर काम करने वाले कृषक उत्पादक समूहों के किसानों एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आय में बढ़ोतरी की राह आसान होगी। पहले इसे मॉडल के तौर पर लखनऊ में लागू किया जाएगा। उसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। शासन के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने इसकी जिम्मेदारी बीपैक्स को दी है। बीपैक्स ने इसके लिए स्थानीय एफपीओ से एमओयू करना शुरू कर दिया है।

लखनऊ के तीन ब्लॉकों का हुआ चुनाव-

कृषि विभाग में एफपीओ सेल के राज्य सलाहकार पीएस ओझा के मुताबिक प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा ने प्रदेश के सभी सीडीओ, जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों को इस तरह की पहल के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए मॉडल के तौर पर लखनऊ जिले के तीन ब्लॉकों को चुना गया है जिसमें माल, चिनहट और सरोजनीनगर में यह पहल शुरू की जा रही है। 

800 एकड़ में होगी लेमनग्रास, खस की खेती-

लखनऊ में इन तीनों ब्लॉकों में एफपीओ के किसानों से 800 एकड़ में (200-200 एकड़ के क्लस्टर में) लेमनग्रास, खस, बांस और सहजन की व्यावसायिक खेती कराई  जाएगी। खस की खेती गोमती व सई नदी के किनारे होगी। बांस की खेती नदियों में खुले नालों के मिलने वाले स्थान के आसपास कराई जाएगी। लेमनग्रास व सहजन सहफसली की खेती भी किसानों से कराई जाएगी। इस तरह की खेती किसानों की अतिरिक्त आय का साधन होगी। 

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