बड़ी खबरें

तीन करोड़ किराना दुकानों को खतरे में डाल रहे 'डार्क स्टोर', अब सड़कों पर उतरेंगे नौ करोड़ व्यापारी 3 घंटे पहले बिहार चुनाव: मौजूदा विधानसभा में 68% विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज 3 घंटे पहले पुर्तगाल में रह रहे 18 हजार विदेशी निकाले जाएंगे, चुनाव से पहले सरकार ने किया ऐलान, 4,500 को स्वेच्छा से देश छोड़ने का आदेश 3 घंटे पहले ट्रम्प के टैरिफ ने रोकी दक्षिणपंथी पार्टियों की जीत,कनाडा के बाद ऑस्ट्रेलिया में बनी वामपंथी सरकार, सर्वे में पिछड़ने के बाद भी जीते अल्बनीज 3 घंटे पहले कानपुर में छह मंजिला इमारत में लगी आग,जूता कारोबारी, पत्नी, तीन बेटियों समेत छह की जलकर मौत, शॉर्ट सर्किट से हादसे की आशंका 3 घंटे पहले पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका...सेंधा नमक के ऑर्डर रद्द 3 घंटे पहले यूपी के कई जिलों में गिरे ओले, पूर्वांचल में हुईं चार मौतें, आज कई इलाकों में हो सकती है बारिश 3 घंटे पहले राहुल गांधी भारतीय हैं या ब्रिटिश:लखनऊ हाईकोर्ट में फैसला आज; केंद्र सरकार दाखिल करेगी जवाब 2 घंटे पहले वक्फ कानून से जुड़े मामले की 'सुप्रीम' सुनवाई टली, अगली तारीख 15 मई तय; संवैधानिक वैधता को दी गई है चुनौती 2 घंटे पहले

ये हैं यूपी के टॉप-5 अमीर जिले, टॉप गरीब जिले की लिस्ट में भी बदले पुराने नाम

Blog Image

नीति आयोग ने बीते दिनों  National Multidimentional Poverty Index 2023 के नाम से साल 2015-16 और साल 2019-21 की राज्यों की एक तुलनात्मक स्टडी प्रगति रिपोर्ट (Comparative Study Progress Report) जारी की है। जिसके मुताबिक देश में गरीबों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। गरीबों का प्रतिशत वित्तवर्ष 2015-16 के 24. 85 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 14.96 पर आ गया है। आपको बता दें कि Multidimensional Poverty Index (MPI) स्वास्थ्य, जीवनस्तर, शिक्षा के आयामों में अभावों को मापता है। रिपोर्ट में 36 राज्यों, संघ शासित प्रदेश 707 जिलों के लिए बहुआयामी गरीबों के अनुमान दिए हैं। इसी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीते पांच सालों में शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाके में रहने वाली आबादी के जीवन स्तर में ज्यादा तेजी से सुधार हुआ है। जिसमे पूर्वी यूपी में महाराजगंज, बुंदेलखंड में चित्रकूट और पश्चिम ने रामपुर अग्रणी जिलों में शामिल हुआ है।

राज्य के टॉप 5 अमीर जिले

यूपी के देवीपाटन मंडल के तीन जिले प्रदेश में शीर्ष पर हैं। दूसरी ओर अमीरों की श्रेणी में टॉप रैंक पर गाजियाबाद काबिज है वंही दूसरी रैंक पर लखनऊ और तीसरी रैंक पर कानपुर का कब्जा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो हम पाएंगे कि राज्य के सबसे अमीर जिले गाजियाबाद में गरीबों की संख्या सबसे कम करीब 7 फीसदी जबकि अमीरों का आंकड़ा 93% है। इसके बाद लखनऊ में करीब 9 फीसदी और कानपुर में 10 फीसदी गरीब आबादी है। गौतमबुद्धनगर 12. 16 फीसदी गरीबी के साथ चौथे नंबर पर जबकि 12.60 फीसदी गरीबी के साथ हापुड़ पांचवा सबसे अमीर जिला है। यही पूरे प्रदेश की बात करें तो गांवों में पहले 44 फीसदी लोग गरीब थे। अब ये घटकर 26 फीसदी रह गए हैं। शहरों में पहले 17 फीसदी लोग गरीब थे, जो अब घटकर 11 फीसदी रह गए हैं।

टॉप 5 सबसे गरीब जिले

इस रिपोर्ट में सभी राज्यों के सबसे पिछड़े जिलों पर भी चर्चा की गयी है। जिसके मुताबिक आज भी बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर की आधी आबादी गरीब है। बहराइच 55 फीसदी गरीबी के साथ टॉप गरीब जिला है जबकि श्रावस्ती 50 फीसदी गरीबों के साथ दूसरे नंबर पर, बलरामपुर 42% के साथ तीसरे नंबर पर, बंदायू  40% के साथ चौथे जबकि सीतापुर  करीब 40% के साथ पांचवे नंबर का सबसे गरीब जिला है। हालांकि साल 2015-16 की तुलना में इन जिलों में काफी सुधार देखा गया है।

सबसे तेज गरीबी घटाने वाले तीन राज्य

बीमारू राज्य कहे जाने वाले बिहार में गरीबों की संख्या 51.89% से घटकर 33.76 % पर आ गयी है। इसे देश में गरीबी सूचकांक में होने वाली सबसे तेज कमी कहा जा रहा है जिसके चलते बिहार गरीबी कम करने वाले राज्यों की रैंक में शीर्ष पर है। इसके बाद सबसे तेज कमी मध्य प्रदेश में और तीसरे नंबर पर यूपी में देखी गई। मध्य प्रदेश में गरीबों का अनुपात 20.63 और यूपी में 22.93 फीसदी रह गया है। गरीबों की संख्या के मामले में बात करें तो पिछले पांच वर्ष में 3.43 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के साथ यूपी टॉप रैंक पर है। इसके बाद 2.25 करोड़ लोगो के साथ बिहार दूसरे जबकि 1.36 करोड़ लोगो के साथ मध्य प्रदेश  तीसरे नंबर पर हैं।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें