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उत्तर प्रदेश सरकार ने 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारी का शंखनाद कर दिया है। लेकिन इस बार के चुनाव पहले से काफी अलग होने वाले हैं। वजह है – ग्राम पंचायतों का बड़े पैमाने पर पुनर्गठन। राज्य के ग्रामीण ढांचे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसका सीधा असर गांवों की सीमाओं, उनकी जनसंख्या और पंचायतों की संख्या पर पड़ेगा।
क्यों हो रहा है पुनर्गठन?
दरअसल, 2021 के पंचायत चुनावों के बाद कई ग्राम पंचायतों को नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत में शामिल कर दिया गया। इससे अब उनकी पुरानी भौगोलिक सीमाएं और जनसंख्या के आंकड़े अप्रासंगिक हो गए हैं। कई ग्राम पंचायतों की आबादी 1000 से नीचे आ गई है, जबकि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 के अनुसार, किसी क्षेत्र को ग्राम पंचायत घोषित करने के लिए कम-से-कम 1000 की जनसंख्या अनिवार्य है।
क्या है परिसीमन?
पुनर्गठन की इस प्रक्रिया को "परिसीमन" कहा जाता है — यानी सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण। इसमें तय किया जाएगा कि कौन-सी पंचायतें बनी रहेंगी, कौन-सी हटेंगी, और किन राजस्व गांवों को किस पंचायत में जोड़ा जाएगा।
जिलों को भेजे गए निर्देश
राज्य सरकार ने सभी जिलों से 5 जून 2025 तक पुनर्गठन के प्रस्ताव मांगे हैं। इसके लिए हर जिले में चार सदस्यीय समिति बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी (DM) करेंगे। इस समिति में निम्न अधिकारी शामिल होंगे:
जिलाधिकारी (DM) — अध्यक्ष
मुख्य विकास अधिकारी (CDO)
अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत
जिला पंचायत राज अधिकारी — सदस्य सचिव
समिति का काम क्या होगा?
यह समिति तय करेगी कि कौन-सी ग्राम पंचायतें अब शहरी क्षेत्र में आ गई हैं
किन पंचायतों को समाप्त किया जाए
किन राजस्व गांवों को नई या मौजूदा पंचायतों में जोड़ा जाए
अगर किसी ग्राम पंचायत का एक हिस्सा अर्बन एरिया में शामिल हो गया है और शेष हिस्सा 1000 की आबादी का मानक पूरा नहीं करता, तो उसे किसी नजदीकी पंचायत में मर्ज कर दिया जाएगा। वहीं, जो राजस्व ग्राम अकेले ही 1000 से अधिक की आबादी रखते हैं, उन्हें स्वतंत्र ग्राम पंचायत घोषित किया जा सकता है।
चुनाव से पहले ये बड़े काम भी जरूरी
2026 में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले सरकार को कई अहम प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं:
मतदाता सूची का पुनरीक्षण (जून 2025 से शुरू)
वार्डों का नए सिरे से निर्धारण
आरक्षण की प्रक्रिया (OBC, SC/ST, महिला आदि के लिए)
जनसंख्या के ताज़ा आंकड़ों के आधार पर तैयारियां
इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।
नया नगर निकाय फिलहाल नहीं बनेगा
राज्य सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत चुनाव होने तक नए नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत के गठन और सीमा विस्तार पर रोक रहेगी। इसका मकसद यह है कि परिसीमन और चुनाव संबंधी तैयारियां बाधित न हों।
आपके गांव पर भी पड़ सकता है असर
उत्तर प्रदेश की लगभग 58,000 ग्राम पंचायतों में से कई का भविष्य अब पुनर्गठन प्रक्रिया पर निर्भर है। इस प्रक्रिया में आपका गांव भी शामिल हो सकता है- या तो उसे नई पंचायत का हिस्सा बनाया जा सकता है, या फिर किसी शहरी निकाय में शामिल किया जा सकता है। 2026 के पंचायत चुनाव केवल नेतृत्व के चयन का अवसर नहीं होंगे ये गांवों की पहचान और संरचना को भी नया रूप देने जा रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 May, 2025, 4:33 pm
Author Info : Baten UP Ki