बड़ी खबरें

Punjab के Ludhiana समेत 4 राज्यों में उपचुनावों की काउंटिंग जारी 21 घंटे पहले डीआरडीओ और भारत फोर्ज मिलकर बनाएंगे सीक्यूबी कार्बाइन, भारतीय सेना से मिला दो हजार करोड़ का ठेका 21 घंटे पहले राजनीतिक आंदोलन से जुड़े मुकदमे वापस लेगी महाराष्ट्र सरकार, धोखाधड़ी केस में ज्वैलर के खिलाफ FIR 21 घंटे पहले

काशी में अमूल के सबसे बड़े प्लांट का PM मोदी करेंगे उद्घाटन, 1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

Blog Image

23 फरवरी को पीएम मोदी काशी आ रहे हैं। पीएम मोदी संत रविदास की जन्मस्थली में रविदास की सबसे बड़ी मूर्ति का अनावरण करेंगे। इसके साथ ही पीएम कई और कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पीएम मोदी अमूल के सबसे बड़े प्लांट बनास डेयरी का उद्घाटन भी करेंगे। इस परियोजना से करीब 1 लाख लोगो को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। 

पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला-

आपको बता दें कि 622 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर 2021 को किया था। बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में हुआ है। इसके शुरू होने से पूर्वांचल के किसानों व गो पालकों की आय दोगुनी होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि दुग्ध उत्पादकों को वर्ष के अंत में कंपनी अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत भुगतान भी करेगी। आपको बता दें कि पूर्वांचल के लोग दूध के साथ मिठाई, आइसक्रीम, पनीर, खोआ, घी और अन्य मिल्क प्रोडक्ट का स्वाद भी चख सकेंगे। इसमें बनारस का ख़ास लौंगलता और लाल पेड़ा भी तैयार किया जाएगा।  
 
बनास डेयरी अमूल प्लांट की क्षमता-

  • लिक्विड दूध प्रसंस्करण: 8 एलएलपीडी ( लाख लीटर पर डे)
  • पाउच दूध पैकिंग क्षमता: 5 एलएलपीडी (लाख लीटर पर डे)
  • बटर मिल्क निर्माण क्षमता: 75 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे)
  • दही निर्माण क्षमता: 50 एमटीपीडी (मीट्रिक टन  पर डे )
  • लस्सी निर्माण क्षमता: 15 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे)
  • आइसक्रीम निर्माण क्षमता: 70 केएलपीडी( किलो लीटर पर डे)
  • पनीर निर्माण क्षमता: 20 एमटीपीडी (मीट्रिक टन पर डे )
  • मिठाई निर्माण संयंत्र: 10 एमटीपीडी (मीट्रिक टन पर डे )

हर गांव में खुलेगा दूध कलेक्शन सेंटर-

इस परियोजना से करीब 750 लोगों को प्लांट में प्रत्यक्ष और करीब 2,350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा। अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी ने बताया कि इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगे हैं। यह पूरी तरह स्वयं संचालित होगा। 5 से 50 किलोमीटर के परिधि में  दूध कलेक्शन के लिए 5 चिलिंग सेंटर शुरू हो चुके हैं। पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर होंगे। कंपनी हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोलेगी। इसके लिए हर गांव में दुग्ध क्रय समिति बनाई जा रही है। जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध खरीदेगी।

इन जिलों के किसानों को लाभ-

इस प्लांट के शुरू होने से गाज़ीपुर, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। भविष्य में जौनपुर, आजमगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, मऊ, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर के किसान और गो पालक भी लाभान्वित होंगे।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें