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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में जिस योजना की सबसे ज़्यादा सराहना हुई, वह थी उत्तर प्रदेश सरकार की शैक्षिक सुधार पहल-प्रोजेक्ट अलंकार। इस योजना को न केवल राज्य के भीतर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है ‘प्रोजेक्ट अलंकार’?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अक्टूबर 2021 को “प्रोजेक्ट अलंकार” की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य प्रदेश के 2,441 जर्जर और पुराने सरकारी सेकेंडरी स्कूलों को आधुनिक स्वरूप में पुनः विकसित करना है। इस परियोजना का फोकस 35 प्रकार की बुनियादी सुविधाओं को स्कूलों में लागू करने पर है — जैसे अच्छी कक्षाएं, स्मार्ट क्लास, विज्ञान और कंप्यूटर लैब, स्वच्छ जल और शौचालय, और खासतौर पर बालिकाओं के लिए स्वच्छता सुविधाएं।
मुख्यमंत्री मॉडल और अभ्युदय स्कूल: भविष्य की झलक
इस योजना के तहत दो प्रमुख मॉडल स्कूल विकसित किए जा रहे हैं:
मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल (कक्षा 1 से 12 तक)
मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल (कक्षा 1 से 8 तक)
इन स्कूलों में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, STEM शिक्षा, कंप्यूटर लैब और डिजिटल लर्निंग की पूरी सुविधा मौजूद होगी। हर अभ्युदय स्कूल पर राज्य सरकार 1.42 करोड़ रुपये तक खर्च कर रही है।
संस्कृत विद्यालयों को भी मिला आधुनिक रूप
प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत केवल सामान्य स्कूल ही नहीं, बल्कि 7 जिलों के 141 संस्कृत विद्यालयों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इनके विकास के लिए 14.94 करोड़ रुपये की विशेष राशि आवंटित की गई है। इसका उद्देश्य पारंपरिक भारतीय ज्ञान और भाषा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ना है।
जनभागीदारी और CSR की अहम भूमिका
यह प्रोजेक्ट पूरी तरह सरकारी नहीं है। इसमें ग्राम पंचायतें, नगर निकाय, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड, और आम लोगों की स्वैच्छिक भागीदारी भी शामिल है। निगरानी के लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, और प्रोजेक्ट की निगरानी राज्य शिक्षा निदेशक कर रहे हैं।
ASER रिपोर्ट ने दिए प्रोजेक्ट को ठोस नतीजे
ASER 2024 रिपोर्ट के अनुसार:
सरकारी स्कूलों में नामांकन में 23% की वृद्धि
प्राइमरी स्कूलों में उपस्थिति में 11.5%, और
अपर प्राइमरी स्तर पर 9.6% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
लाइब्रेरी इस्तेमाल में 55%, और
बालिकाओं के लिए शौचालय सुविधाओं में 54% सुधार हुआ है।
ये आँकड़े साबित करते हैं कि प्रोजेक्ट अलंकार, SDG 4 — “समान, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” के वैश्विक लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
समग्र शिक्षा अभियान से जुड़कर बना मजबूत आधार
प्रोजेक्ट अलंकार को समग्र शिक्षा अभियान का भी पूरा समर्थन प्राप्त है। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें पहले की तीन योजनाएं —
सर्व शिक्षा अभियान,
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, और
शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम —
को जोड़कर एकीकृत किया गया है। इसका मकसद है कि हर बच्चा, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से हो, समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पा सके।
स्कूल नहीं, भविष्य बदल रहा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल सिर्फ स्कूलों की इमारतें नहीं बदल रही, बल्कि पूरे शैक्षणिक माहौल में मूलभूत बदलाव ला रही है। यह दिखाता है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो सरकारी स्कूल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का केंद्र बन सकते हैं। प्रोजेक्ट अलंकार आज भारत में शिक्षा सुधारों का रोल मॉडल बनता जा रहा है — और यह शुरुआत भर है।
Baten UP Ki Desk
Published : 30 May, 2025, 2:27 pm
Author Info : Baten UP Ki