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दारुल उलूम देवबंद ने “गजवा-ए-हिंद” को ठहराया जायज़, NCPCR ने लिया एक्शन

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देश की सबसे बड़ी इस्लामिक संस्था दारुल उलूम देवबंद अपने फतवे को लेकर एकबार फिर चर्चाओं में है। जिसमें उन्होंने गजवा ए हिंद (भारत पर आक्रमण) को मान्यता दी है। इस्लामिक संस्था ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से ये फतवा जारी किया है। जिसमें उन्होंने गजवा-ए-हिन्द को इस्लामिक नजरिये से सही माना है। जिस पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक्शन लेते हुए इस फतवे को देश विरोधी बताया है। एनसीपीसीआर ने सहारनपुर डीएम और एसएसपी से FIR दर्ज कराने को कहा है।

क्या है पूरा मामला ?

आपको बता दें कि किसी व्यक्ति ने ऑनलाइन दारुल उलूम देवबंद से ‘गजवा ए हिंद’ के बारे में जानकारी मांगी थी। उस व्यक्ति ने पूछा था कि क्या हदीस में इसका कोई जिक्र है? दारुल उलूम देवबंद ने इसके जवाब संख्या 9604 में साहिहसीता की पुस्तक सुन्नन अल-नसाई का हवाला देते हुए कहा कि इसमें गजवा ए हिंद को लेकर एक पूरा चैप्टर है। फतवे में कहा गया है इसमें हजरत अबू हुरैरा (पैगंबर मोहम्मद साहब के करीबी रहे) से एक हदीस सुनाई गई है। इसमें उन्होंने गजवा ए हिंद पर कहा कि मैं इसमें लडूंगा और अपनी सभी धन संपदा को इसमें कुर्बान कर दूंगा। मर गया तो महान बलिदानी बनूंगा। जिंदा रहा तो गाजी कहलाऊंगा। हजरत मोहम्मद साहब ने इस संबंध में भविष्यवाणी भी की थी। फतवे में किताब को प्रिंट करने वाली कंपनी का भी नाम है।

एनसीपीसीआर ने की कार्रवाई की मांग-

दारुल उलूम के इस फतवे के बाद बाल संरक्षण आयोग ने इसे देश विरोधी बताया। कहा कि इसमें गजवा ए हिंद को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए महिमामंडित किया गया है। ऐसे में सहारनपुर जिला प्रशासन को इसे गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इस मामले में एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। इस संबंध में सहारनपुर जिला अधिकारी दिनेश चंद्र ने एसडीएम और सीओ देवबंद को जांच के बाद कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।

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