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खुलने वाला है 1400 मिलियन साल पुराना राज! क्या यूपी का सलखन पार्क बनेगा वर्ल्ड हेरिटेज साइट?

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित सलखन जीवाश्म पार्क (Salakhan Fossils Park) को लेकर एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल की गई है। 4 जून 2025 को भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने यूनेस्को (UNESCO) में इस पार्क को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) की संभावित सूची में शामिल करने का औपचारिक दावा पेश किया। यह कदम न केवल सोनभद्र को वैश्विक नक्शे पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि देश के भूवैज्ञानिक इतिहास को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिला सकता है।

1400 मिलियन साल पुराने जीवाश्म – धरती के प्राचीन जीवन के साक्षी

सलखन फॉसिल्स पार्क, जिसे सलखन जीवाश्म उद्यान भी कहा जाता है, सोनभद्र जिले में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह स्थल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां 1400 मिलियन वर्ष पुराने शैवाल और स्ट्रोमैटोलाइट्स (Stromatolites) के जीवाश्म पाए गए हैं। स्ट्रोमैटोलाइट्स पृथ्वी के प्रारंभिक जीवन के अवशेष माने जाते हैं और यही वजह है कि यह पार्क भूवैज्ञानिक शोध और अध्ययन के लिए अद्वितीय है।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

यदि यूनेस्को इस स्थल को विश्व धरोहर का दर्जा देता है, तो इससे पर्यटन को नई दिशा और रफ्तार मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से सलखन को संरक्षित और व्यवस्थित करने के लिए संसाधन भी उपलब्ध होंगे। इससे न सिर्फ सोनभद्र, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इको-टूरिज्म और वैज्ञानिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश से एकमात्र ‘प्राकृतिक श्रेणी’ की एंट्री

यूनेस्को की संभावित सूची में इस बार भारत से कुल 62 स्थलों को नामांकित किया गया है, जिनमें 50 सांस्कृतिक, 10 प्राकृतिक और 3 मिश्रित श्रेणी में हैं। सलखन को उत्तर प्रदेश की ओर से एकमात्र प्राकृतिक श्रेणी (Natural Category) में नामांकित किया गया है। यह अपने आप में राज्य के लिए गर्व की बात है।

लखनऊ से दिल्ली और अब पेरिस तक – डेढ़ साल की मेहनत रंग लाई

पिछले डेढ़ वर्षों से सलखन को यूनेस्को सूची में लाने की दिशा में गंभीर प्रयास जारी थे। लखनऊ स्थित पर्यटन विभाग की टीम ने इसका गहन अध्ययन कर डोज़ियर तैयार किया, जिसे भारत सरकार के माध्यम से यूनेस्को में प्रस्तुत किया गया। अब अगला कदम है – यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा साइट का मूल्यांकन और निरीक्षण, जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

बनारस और सारनाथ भी सूची में शामिल

सलखन के साथ-साथ इस बार वाराणसी के ऐतिहासिक घाट और सारनाथ को सांस्कृतिक श्रेणी में नामांकित किया गया है। यदि ये स्थल भी सूची में शामिल होते हैं, तो उत्तर प्रदेश का पर्यटन परिदृश्य पूरी तरह बदल सकता है।

भारत में फिलहाल 43 विश्व धरोहर स्थल

इस समय भारत में कुल 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 7 प्राकृतिक श्रेणी के हैं। सलखन को यदि स्वीकृति मिलती है, तो यह न केवल इस सूची में शामिल होने वाला 44वां स्थल होगा, बल्कि सोनभद्र को भी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर एक नया दर्जा मिलेगा।

सलखन फॉसिल्स पार्क का यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर सूची में नामांकन एक वैज्ञानिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उपलब्धि है। यदि इसे अंतिम मंज़ूरी मिलती है, तो यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि भारत के भूगर्भीय विरासत के लिए भी गौरव की बात होगी। अब सबकी निगाहें यूनेस्को के आगामी निर्णय पर टिकी हैं।

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