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'ULLAS योजना' बनी बदलाव की चाबी! जानिए कैसे बना त्रिपुरा देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य

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त्रिपुरा ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए खुद को देश के तीसरे पूर्ण साक्षर राज्य के रूप में दर्ज कराया है। ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत मिली इस मान्यता के साथ त्रिपुरा अब मिजोरम और गोवा की श्रेणी में शामिल हो गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित समारोह में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी, राज्य के शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि, नवसाक्षर नागरिक और स्थानीय समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

ULLAS योजना बनी बदलाव की चाबी

मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए "विकास का मील का पत्थर" बताया और कहा, "जहां 1961 में साक्षरता दर मात्र 20.24% थी, आज यह बढ़कर 95.6% तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि त्रिपुरा के हर नागरिक के प्रयास और ULLAS योजना के समर्पित कार्यान्वयन की सफलता है।"

क्या है ULLAS योजना?

ULLAS योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में की थी, जिसका उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे नागरिकों को साक्षर बनाना है जो औपचारिक शिक्षा से वंचित रह गए थे। इसमें बुनियादी साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान और आवश्यक जीवन कौशल सिखाए जाते हैं। डिजिटल साक्षरता को भी विशेष रूप से बढ़ावा दिया गया है।

त्रिपुरा में ऐसे मिली सफलता

  • मिशन मोड में क्रियान्वयन: हर जिले में डोर-टू-डोर सर्वे और डेटा एकत्र।

  • ULLAS App का उपयोग: डिजिटल संसाधनों से सीखने की पहुंच आसान बनाई गई।

  • सामुदायिक भागीदारी: हजारों वालंटियर शिक्षकों ने घर-घर जाकर लोगों को साक्षर बनाया।

  • NEP 2020 की दिशा में ठोस कदम: शिक्षा को अधिकार नहीं, अवसर बनाने की नीति को मूर्त रूप दिया गया।

शिक्षा की रौशनी में निखरता त्रिपुरा

ULLAS के ज़रिए राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में भी शिक्षा की लौ पहुंचाई गई। आज का यह दिन न केवल त्रिपुरा के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह "विकसित भारत @2047" के लक्ष्य की ओर देश की एक मजबूत छलांग भी है।

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