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75 साल बाद फिर होगी 'जाति' की गिनती! क्या बदलेगा भारत का सामाजिक संतुलन?

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केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। बुधवार (30 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी कि जातिगत जनगणना को आगामी जनगणना प्रक्रिया में ही शामिल किया जाएगा। यह जनगणना सितंबर 2025 से शुरू हो सकती है और इसे पूरा होने में लगभग दो साल लगेंगे। अनुमान है कि अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक सामने आ सकते हैं।

1947 के बाद पहली बार होगी जातिगत गणना

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, "1947 के बाद से देश में जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है। पिछली सरकारों, विशेषकर कांग्रेस ने इसे केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। अब केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक और निष्पक्ष ढंग से पूरा करेगी ताकि देश का सामाजिक तानाबाना प्रभावित न हो।"

कोविड के कारण रुकी थी जनगणना

गौरतलब है कि भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है। 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण टाल दी गई थी। अब केंद्र सरकार द्वारा नए सिरे से इसे शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही जनगणना का चक्र भी बदल जाएगा, यानी अगली जनगणना अब 2035 में होगी।

जातिगत जनगणना पर राजनीतिक संग्राम

जाति जनगणना को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी दलों के बीच मतभेद लंबे समय से चले आ रहे हैं। कांग्रेस, RJD, SP, BSP, NCP जैसी पार्टियां इसकी मांग करती रही हैं। हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी ने भी जातिगत जनगणना का समर्थन किया था। दूसरी ओर, NDA और खासकर भाजपा इस मुद्दे पर पहले विरोध में थी। लेकिन बिहार में भाजपा ने इस प्रक्रिया का समर्थन किया था। बिहार देश का पहला राज्य बना जिसने अक्टूबर 2023 में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए।

कैबिनेट मीटिंग के अन्य अहम फैसले

9 अप्रैल को हुई कैबिनेट बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी गई:

  • तिरुपति-कटपडी रेल प्रोजेक्ट: तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाले इस 104 किमी के रेलवे सेक्शन को डबल लाइन में बदला जाएगा। इसकी लागत ₹1332 करोड़ होगी। इससे तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, श्रीकालहस्ती मंदिर, कनिपक्कम विनायक मंदिर और चंद्रगिरी किला जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

 

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत 1600 करोड़ रुपये की सब-स्कीम को मंजूरी मिली है। इसमें कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (M-CADWM) को अपग्रेड किया जाएगा, जिससे किसानों को जल प्रबंधन में मदद मिलेगी।

जनगणना 2025: अब आंकड़ों में भी दिखेगी जाति

जातिगत जनगणना कराने का निर्णय एक नीतिगत बदलाव की ओर संकेत करता है, जो आने वाले वर्षों में देश की सामाजिक और राजनीतिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र में हुए फैसलों से देश के विकास लक्ष्यों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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