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मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग करने वाली हिंदू पक्ष की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस याचिका में यथोचित आधार नहीं पाया गया। यह फैसला जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने सुनाया, जिन्होंने 23 मई को इस याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखा था।
क्या था मामला?
यह याचिका 5 मार्च 2024 को हिंदू पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने दायर की थी। इसमें मांग की गई थी कि मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचे के रूप में घोषित किया जाए — जैसा कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद मामले में हुआ था।
याचिका में कहा गया था कि:
जिस जगह मस्जिद है, वह भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है
मस्जिद के पास जमीन के दस्तावेज नहीं हैं
दीवारों पर हिंदू प्रतीक चिन्ह पाए जाते हैं
मस्जिद अतिक्रमण करके बनाई गई है
कोई खसरा-खतौनी, टैक्स रिकॉर्ड या बिजली कनेक्शन वैध नहीं है
मुस्लिम पक्ष की आपत्ति: 400 वर्षों से ईदगाह का अस्तित्व
इस याचिका का विरोध करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि:
शाही ईदगाह 400 साल से अस्तित्व में है
यह मांग पूरी तरह से मनगढ़ंत और ऐतिहासिक तथ्यों के विरुद्ध है
इसे कठोर दंड के साथ खारिज किया जाना चाहिए
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद?
13.37 एकड़ जमीन का मामला
करीब 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर
2.37 एकड़ भूमि पर स्थित है शाही ईदगाह मस्जिद
1968 में हुए एक समझौते के बाद दोनों धर्मस्थलों का संचालन हो रहा है
हिंदू पक्ष ने उस समझौते को रद्द करने की भी मांग की है
18 अन्य याचिकाएं अब भी विचाराधीन
कोर्ट में हिंदू पक्ष की ऐसी 18 अन्य याचिकाएं अभी लंबित हैं, जिन पर अलग-अलग सुनवाई चल रही है। यह फैसला फिलहाल सिर्फ “विवादित ढांचा” घोषित करने की मांग से संबंधित है।
क्या आगे सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिंदू पक्ष?
हिंदू पक्ष के वकील का कहना है कि वे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 4 July, 2025, 3:36 pm
Author Info : Baten UP Ki