बड़ी खबरें

उत्तराखंड के बाद हिमाचल के किन्नौर में बादल फटा:कैलाश यात्रा रुकी 5 मिनट पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बारिश से सड़कों पर भरा पानी 4 मिनट पहले रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, 5.5% पर बरकरार; अगस्त एमपीसी बैठक के बाद बोले गवर्नर संजय मल्होत्रा 4 मिनट पहले लोकसभा-राज्यसभा 12 बजे तक स्थगित; पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को दी गई श्रद्धांजलि 3 मिनट पहले

कहां से शुरू हुई ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर भंडारे की परंपरा

आज ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगलवार, लखनऊ सहित प्रदेश भर के हनुमाम मंदिरों में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं श्रद्धालु सुबह से ही बजरंगबली के दर्शनों के लिए लंबी-लंबी लाइनों मे लगे हुए हैं। मंदिरों में भीड़-भाड़ के मद्देनजर पुलिस सर्तक है। ज्येष्ठ के पहले बड़े मंगलवार के दिन आइये आपको बताते हैं लखनऊ स्थित अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर के बारे में जिसकी काफी पौराणिक मान्यताएं हैं। यहां आने वालों की हर मनोकामना बजरंगबली पूरी करते हैं। कहते हैं त्रेता युग में जब माता सीता को बिठूर वन में श्री राम के आदेश से लक्ष्मण और हनुमान जी छोड़ने जा रहे थे तब सीता माता ने यहीं पर विश्राम किया था। तब से ही यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित हो गया। मंदिर के बारे में एक मान्यता ऐसी भी है कि नवाब खानदान की बेगम आलिया बेगम को जब संतान नहीं हो रही थी तो यहीं पर मन्नत मांगने से उनको संतान की प्राप्ति हुई ।कहा जाता है कि एक बार प्लेग महामारी को भगाने के लिए नवाबों ने यहां पर मन्नत मांगी थी कि ये महामारी खत्म होने पर भंडारे का आयोजन कराएंगे, तब से ही यहां पर जेष्ठ माह के हर बड़े मंगल को भंडारे का प्रचलन शुरू हुआ है। यह मंदिर इतना सिद्ध है कि यहां पर नीम करोली बाबा भी आते थे। ऐसी ही तमाम रोचक बातें अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर से जुड़ी हुई हैं और इस मंदिर से जुड़ी एक बहुत रोचक घटना के कारण कपूरथला लखनऊ स्थित एक हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया जिसको की नया हनुमान मंदिर कहा जाता है। ऐसी तमाम आस्था और विश्वास से जोड़ी रोचक बातों को जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और विडियो देखें।

 

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें