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उत्तर प्रदेश में जन्में इस साहित्यकार ने रचा हिंदी खड़ी बोली का पहला महाकाव्य

आजमगढ़ के निज़ामाबाद  में सन 1865 में 15 अप्रैल को खड़ी बोली के पहले महाकाव्य रचयिता अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जन्म हुआ था । वैसे तो ‘हरिऔध’ जी किसी पहचान के मोहताज नहीं। पर बता दें दुनिया उन्हें कवि सम्राट के रूप में जानती है। इनके पिता का नाम भोलासिंह और माता का नाम रुक्मणि देवी था। हरिऔध जी की शिक्षा-दीक्षा उनके घर यानी कि निज़ामाबाद से ही हुई जहाँ उन्होंने उर्दू, संस्कृत, फ़ारसी, बांग्ला और अंग्रेज़ी भाषा और साहित्य की पढ़ाई की। अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'  का जीवन वृतांत क्या है, इनका हिंदी साहित्य में क्या योगदान है, इनकी प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी हैं? ऐसे ही कई सवालों के जवाब के साथ हाजिर है- "बातें यूपी की"

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